राजस्थान के प्रसिद्ध साके एवं जौहर ।। Rajasthan ke sake

इस पोस्ट में हम Rajasthan ke sake ।। राजस्थान के प्रसिद्ध साके एवं जौहर के बारे में जानकारी प्राप्त करेगें। 

जब आक्रमण के समय जीत ना होने की दशा में राजा या सेनापति के नेतृत्व में केसरिया किया जाता है ओर रानी या सेनापति की पत्नी के नेतृत्व में जौहर किया जाता है।
पुरुष रणभूमि में केसरिया करते हैं और महिलाएं रानी के नेतृत्व में आग में कूदकर जौहर करती है।
लेकिन रणथंभौर का साके में हम्मीर देव चौहान की बेटी देवल दे ने पदम तालाब में कूद कर जल जौहर किया था जो राजस्थान का एकमात्र जल जौहर है।
रानी पद्मनी ने 1600 महिलाओं के साथ अग्नि में कूदकर जौहर किया था।
इस प्रकार केसरिया व जौहर दोनों को मिलाकर साका कहते है।

केसरिया : जब युद्ध हार निश्चित होने पर, पुरुष सर पर केसरिया कपड़ा बांध बांध कर और अंतिम युद्ध के लिए निकल पड़ते , या तो जीत कर आएंगे या मातृभूमि की रक्षा में बलिदान देते थे |

जौहर : युद्ध में अपनी सेना को हारता देख, किले की महिलाये , अपने मान और सम्मान की रक्षा के किये , जलती चिताओं में कूद पड़ती थी ताकि उनका लजा भंग न हो सके |

साका : केसरिया और जौहर दोनो को मिलकर साका कहा जाता है |

राजस्थान में बहुत साके हुऐ है , और राजस्थान में सबसे ज्यादा साके अलाउद्दीन खिलजी के काल में हुए |

राजस्थान के प्रसिद्ध साके एवं जौहर


 साका = केसरिया + जौहर

Rajasthan ke sake
Rajasthan ke sake 

Rajasthan ke sake table


साका सन् युद्ध साका में केसरिया साका में जौहर
रणथंभौर का साका सन् 1301 अलाउद्दीन खिलजी vs हम्मीर देव चौहान हम्मीर देव चौहान रानी रंगदेवी
चित्तौड़गढ़ के साके प्रथम सन् 1303 अलाउद्दीन खिलजी vs राणा रतन सिंह राणा रतन सिंह रानी पद्मनी
दूसरा सन् 1534 सुल्तान बहादुरशाह vsराणा विक्रमादित्यसिंह देवलिया के वाघसिंह के नेतृत्व रानी कर्मवती(सांगा की पत्नी)
तीसरा सन् 1567 अकबर vsराणा उदयसिंह सेनापति जयमल और पत्ता फूलकंवर (पत्ता की पत्नी)के नेतृत्व
जालौर का साका सन् 1311-12 अलाउद्दीन खिलजी vs कान्हड़देव कान्हड़देव व विरमदेव -
गागरोण के किले के साके प्रथम सन् 1423 माण्डू के सुल्तान होशंगशाहvsअचलदास खींची अचलदास खींची -
दूसरा सन् 1444 माण्डू के सुल्तान महमूद के आक्रमण समय - -
जैसलमेर के ढाई साके प्रथम सन् 1316 अलाउद्दीन खिलजी vs मूलराज मूलराज -
दूसरा सन् 1352 फिरोजशाह तुगलक vs दुर्जनसाल दुर्जनसाल -
तीसरा सन् 1550 कंधार के शासक अमीर अली vs लूणकरण लूणकरण जौहर नहीं हुआ


महत्वपूर्ण बिंदु
  • राजस्थान का प्रथम साका सन् 1301 मे रणथंभौर का साका था।
  • रणथंभौर का साके में हम्मीर देव चौहान की बेटी देवल दे ने पदम तालाब में कूद कर आत्महत्या की थी इस लिए इस जल जौहर भी कहते है।
  • जैसलमेर के तीसरे साके में केसरिया तो हुआ लेकिन जौहर नहीं हो पाया इसलिए जैसलमेर के ढाई साके प्रसिद्ध है।
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