Rajasthan ki nadiya : map । quiz । pdf । trick in hindi

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राजस्थान का अपवाह तंत्र || नदियाँ || बंगाल की खाड़ी, अरब सागर व अन्तः प्रवाह की नदियाँ


विश्व की सम्पूर्ण जल राशि का 97.3% जल महासगरिये है जो मानव के लिए उपयोगी नही है शेष 2.7% जल मानव के लिए उपयोगी है जो नदियों ,तालाबो ,झीलों,बांधो से प्राप्त होता है |
राजस्थान में परवाही जल की कमी पायी जाती है क्योंकि यहाँ वर्षा बहुत कम होती है |सम्पूर्ण  देश का केवल 1% ही प्रवाहित जल राजस्थान को प्राप्त होता है 
राजस्थान में  अरावली पर्वत माला जल विभाजक का कार्य करती है 
सम्पूर्ण राजस्थान को तीन जल प्रवाह विभागों में विभाजित किया  जाता है
  • बंगाली की खाड़ी का प्रवाह
  • अरब सागर का प्रवाह
  • अन्त : परवाह

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राजस्थान की नदियां एवं झीलें

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राजस्थान की नदियाँ ( बंगाल की खाड़ी तंत्र की नदियाँ )

  • चम्बल 
  • बनास 
  • कालिसिधी 
  • पार्वती 
  • सिप 
  • कुराल 
  • मेज 
  • खारी 
  • डाई 
  • कोढारी 
  • बेडच 
  • गंभीरी



राजस्थान की चम्बल नदी  || CHAMBAL RIVER IN RAJASTHAN

  • [ प्रचीन नाम ] कामधेनू [राजस्थान में ] नित्यावाही [वर्ष भर बहने वाली 
  • उद्रगम-   मध्यप्रदेश में विन्ध्याचल पर्वत की जानापाव की पहाड़ी से 
  • प्रवाह - मध्य प्रदेश ~~~~~~~ राजस्थान ~~~~~~~ उतरप्रदेश 


  • चम्बल नदी लंबाई |Chambal River Length = 965 k m
  • निकास - बंगाल की खाड़ी  
Chambal-nadi-Map
Chambal-nadi-Map


राजस्थान में चम्बल नदी प्रवाह | चम्बल घाटी | Chambal valley

  • यह नदी मध्यप्रदेश में लम्बे गहरे गार्ज ( v ) मे बहने के बाद राजस्थान में  चितोड़गड  के चोरासीगड  नामक  स्थान से प्रवेश करती है |
  • चम्बल नदी के किनारे बसे शहर | Cities on the banks of the Chambal Rive - चितोड़गड ,कोटा ,बूंदी ,सवाईमाधोपुर ,करोली ,धोलपुर में बहने के बाद उतरप्रदेश  में बहती हुई इटावा के निकट यमुना में मिल जाती है           
  • चम्बल नदी की राजस्थान में लम्बाई|Length of Chambal River in Rajasthan ---1 3 5
  • यह नदी राजस्थान ओर मध्यप्रदेश के बीच 241k m की अंतर राज्यीय सीमा बनती है |                    
  • यह नदी चितोड़गड में भेसरोड़गड के निकट चुलिया जल प्रपात बनती है |                                  
  • सवाईमाधोपुर ,करोली ,धोलपुर में ह जमीन का गहराई से कटाव कर बीहड़ भूमि का निर्माण करती है इसे उत्खात स्थलाकर्ती भी कहते है 

Rajasthan ki चम्बल नदी  की सहायक Nadiya

  • बनास ,कलिसिधि,पार्वती ,सिप ,कुराल ,मेज ,बामणी (बापनी )साह्येक नदिया  है 
  • चम्बल की सबसे लम्बी सहायक नदी बनास है 
  • चम्बल ,बनास ओर सीप तीनो नदिया सवाईमाधोपुर की खण्डर तहसील में रामेश्वर धाम के निकट त्रिवणी संगम बनती है | 
  • चम्बल नदी पर पूर्व -पश्चिम गलियारे के तहत कोटा में हेंगिग ब्रिज बनाया गया है 
  • चम्बल नदी पर गाँधी सागर बांध ,राणा प्रताप सागर बांध ,जवाहर सागर बांध चम्बल नदी के बांध (Chambal river dam) 
    है|

Chambal-nadi-Map
Chambal-nadi-Map

  


राजस्थान की बनास नदी || Rajasthan ki Banas Nadi



  • उपनाम -- वर्नाशा | वन की आशा | विपाशा ( पिपाश ) प्यास की आशा बनास
  • बनास नदी का पुराना नाम | Banas Nadi Ka Purana Naam वन की आशा  है |
  • उद्गम --   खमनौर की पहड़िया - कुंभलगढ (राजसमंद) 


राजस्थान में बनास नदी प्रवाह

  • राजसमंद ~~~ चितोड़गढ़ ~~~ भीलवाड़ा ~~~ अजमेर ~~~ टोंक ~~~ सवाई माधोपुर में चम्बल में मिल जाती है |
  • लम्बाई -- 480  KM  ( पूर्ण परवाह राजस्थान में )
  • निकास -- बंगाल की खाड़ी 
  • यह नदी अपनी मैदानी  क्षेत्र में लाल, पिली, भूरी और  कंकरीली  मृदा का जमाव करती है |
  • इसका सवार्धिक सर्पीलाकार  परवाह टोंक में है | 
  • बनास नदी पर टोंक के टोडारायसिंह  तहसील में बिसलपुर गांव  के निकट बीसलपुर बांध बनाया गया है | यह बांध से अजमेर ,केकड़ी ,मसूदा ,ब्यावर ,किसनगढ़ में पयेजल की आपूर्ति होती है | वर्तमान में जयपुर और साम्भर में भी पेयजल  की आपूर्ति होती है | टोंक के लगभग 281 गांवो में सिंचाई की सुविधा  प्राप्त है| 


बनास  नदी | Banas River|Nadi|Nadee|Map
  Banas Nadi Map


Rajasthan ki  बनास नदी की सहायक नदियाँ 

  • बेड़च ,कोड़ारी ,खारी , डाइ , मेनाल
  • बनास की सबसे लम्बी साहयक नदी बेड़च है |
  • बनास ,बेड़च और मेनाल तीनो नदिया भीलवाड़ा में बीगोद के निकट  त्रिवणी संगम बनती है | 
  • कोढ़ाडी नदी पर भीलवाड़ा में माण्डल के निकट मेजा बांध बनाया गया है | 
  • बनास का उत्तरी भाग मालपुरा करोली का मैदान और दक्षिणी भाग मेवाड़ का मैदान कहलाता है | 


राजस्थान की नदियाँ ( अरब सागर तंत्र की नदियाँ )

  • सोम ,माही ,जाखम ,लूणी ,जवाई ,सुकडी ,पन्चिम बनास ,साबरमती

Trick:- मालु सो जा नहीं तो सांप खा जाएगा

मा - माही

लु - लुनी

सो - सोम

जा - जाखम

नहीं तो - x

सा - साबरमती

प - पश्चिमी बनास

खा - खारी

जाएगा 


राजस्थान की लूणी नदी || Rajasthan ki Luni Nadi

  • उपनाम-- लवणती  / सागरमति   / सार्की नदी / अन्त सलिला / रेल -नाडा / मीढी -खारी नदी             
  • उद्गम -- अजमेर  की नाग पहाड़ी से                                                                                            

राजस्थान में लूनी नदी प्रवाह

  • अजमेर ~~ नागौर ~~ जौधपुर ~~ पाली ~~ जालोर ~~ बाड़मेर                                                                
Loonee|Looni|Luni Nadee|Nadi  ki  लम्बाई -- 3 3 0  km                                                                          

  • निकास-- कच्छ  के रन  ( अरब सागर  ) में विलुप्त  हो जाती है  | 
  • इस नदी का जल उद्गम से बालोतरा तक मीढा है इसके बाद भूमि में लवणीय तत्वों  की अधिकता के कारण जल खरा हो जाता है 

Rajasthan ki लूनी नदी  की सहायक Nadiya

  • जोजड़ी ,बंडी ,जवाई ,सुकड़ी (sukri river),लीलड़ी ,मीढडी  ,सांगी ,गुहिया 
  • लूणी के दाए भाग में मिलने वाली एक मात्र नदी जोजड़ी है | यह अरावली से न निकलकर नागौर के पोंडलु  गांव से निकलती है | शेष सभी सहायक नदिया अरावली से निकलती है और लूणी के बाये भाग में मिलती है | 
  • जब अरावली की पहाड़िया में वर्षा अधिक होती है तब लूणी का जल स्तर बढ़ता है बालोतरा इस नदी से निचे बसा हुआ है वह जलमग्न  हो जाता है | 

राजस्थान की लूनी नदी पर बांध 

  • लूणी की सबसे लम्बी साहयक नदी जवाई हैं इस नदी पर पाली की सुमेरपुर तहसील में जवाई बांध बनाया गया है |इस मारवाड़ का अमृत सरोवर कहते | इससे पाली शहर को पेयजल की आपूर्ति होती है \जालोर और पाली में सिचाई होती है | इस बांध में जल की कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार के द्वारा सेई  परियोजना बनाई गयी है |    
  • सुकड़ी नदी (sukri river) पर जालोर  के बांकली गांव में बांकली बांध बनाया गया | 

लूनी नदी का नक्शा|Loonee|Looni|Luni Nadee|Nadi ka naksha|Map
लूनी नदी का नक्शा | Luni Nadi Map





राजस्थान की साबरमती नदी || Rajasthan ki Sabarmati Nadi


  • उद्गम -- यह नदी उदयपुर में कोटड़ा की पहाड़ियों से निकलती है |


साबरमती नदी (Saabaramatee|Sabarmati Nadee|Nadi )v
साबरमती नदी MAP || Sabarmati Nadi MAP 

राजस्थान में साबरमती नदी प्रवाह

  • साबरमती नदी की राजस्थान में लंबाई -- 416 km
  • राजस्थान में 43 km  बहने के बाद गुजरात में बहती हुई खम्भात की खाड़ी में गिर जाती है 
  • निकास --- अरब सागर  


Rajasthan ki साबरमती नदी  की सहायक Nadiya

  1. सेई नदी
  2. वाकल नदी
  3. वतक । वेतरक नदी
  4. शेही नदी
  5. हरनाव नदी
  6. गुईई नदी
  7. हथमती नदी
  8. मेसवा । मेशवा नदी
  9. मझम नदी । माजम नदी
  10. खारी नदी
  11. मोहर नदी

  • इस नदी का उद्गम राजस्थान  में है परन्तु अधिकांश परवाह गुजरात में है | 
  • साबरमती नदी की कुल लम्बाई 371 किमी. है जिसमें से राजस्थान में इसकी लम्बाई 44 किमी. हैं।
  • साबरमती का अपवाह क्षेत्र राजस्थान के अपवाह क्षेत्र का लगभग 1% है।
  • गांधीनगर,अहमदाबाद और साबरमती आश्रम  इस नदी के किनारे है |                                                   

राजस्थान की पश्चिम बनास नदी || Rajasthan ki Pashchim Banas Nadi


  • यह नदी सिरोही में नया सनवाडा की पहाड़ियों से निकलती है और सिरोही में बहने के बाद कच्छ के रन (लिटिल रन )में लुप्त हो जाती है | 
  • इस छोटी बनास|Banas कहते है | 
पश्चिम बनास (Pashchim Banas Nadee|Nadi)
पश्चिम बनास MAP||Pashchim Banas Nadi MAP

                                                                                                                   

राजस्थान की माही नदी || Rajasthan ki Mahi Nadi 


  • उपनाम --  आदिवासियों की गंगा /बागड़ या कांढ़ल की गंगा /दक्षिणी राजस्थान कि स्वर्ण रेखा        
  • उद्गम-- मध्य प्रदेश में विध्याचल पर्वत /मेहद झील 
  • परवाह -- मध्य प्रदेश ~~~ राजस्थान ~~~ गुजरात 
  • माही नदी की लम्बाई  -- 576 km 
  • निकास -- अरब सागर 

राजस्थान में माही नदी का अपवाह तंत्र--  

  • यह नदी मध्य प्रदेश में बहने के बाद बांसवाड़ा के खांडू गांव से राजस्थान में प्रवेश करती है |माही नदी राजस्थान में बांसवाड़ा के खांडू गांव से प्रवेश करती है|
  • बांसवाड़ा और डूंगरपुर 171 km बहने के बाद गुजरात में बहती हुई खम्भत की खाड़ी में गिर जाती है | 
  • वह माही नदी है जो कर्क रेखा को दो बार काटती है|
  • यह नदी कर्क रेखा को दो बार कटती है | अंग्रजी वर्णमाला के 'A ' तथा उलटे 'U 'के समान आकार बनती है | 

Rajasthan ki माही नदी की सहायक Nadiya


  • अनास नदी,बनास नदी,भादर नदी,इरु नदी,हरण नदी,सुकड़ी नदी,मोरेन नदी,जाखम नदी

Rajasthan ki माही नदी की सहायक Nadiya Short Trick 


Trick – “अब भाई हसो मोज सु “

अ                ⟶           अनास नदी
ब               ⟶           बनास नदी
भा              ⟶           भादर नदी
इ                ⟶            इरु नदी
ह                 ⟶            हरण नदी
सो              ⟶           सुकड़ी नदी
मो                ⟶             मोरेन नदी
ज                 ⟶             जाखम नदी
सु                 ⟶             ——-


  • सोम ,माही ,जाखम  तीनो नदिया डूंगरपुर में नवाटापरा के निकट बेणेश्वर धाम में त्रिवेणी संगम बनती है |  यह प्रति वर्ष माघ पूर्णिमा को आदिवासियों का मेला लगता है | इसे आदिवासियों का कुम्भ अथवा आदिवासियों का हरिद्वार कहते है | 

माही नदी पर बांध || माही नदी पर डैम

  • सोम नदी डुंगरपुर में सोम कमला आंबा बांध बनाया गया है | 
  • जाखम नदी पर प्रतापगड में राजस्थान का सबसे ऊँचा जाखम बांध बनाया गया है | 


MahiNadee|Nadi|Map|माही नदी मैप
 Mahi Nadi Map|माही नदी मैप


माही बजाज सागर परियोजना


  • संयुक्त परियोजना राजस्थान और गुजरात
  • साझेदारी राजस्थान के 45 % व गुजरात के 55 %
  • इन चरणों में कार्य पूर्ण
प्रथम चरण
  • इस चरण में बांसवाड़ा के बोरखेड़ा के निकट माही बजाज सागर  बांध और गुजरात में  कडाना बांध बनाया गया है।
दूसरा चरण
  • नहर प्रणाली का विकास 
  • इस चरण में मुख्य बांध के नीचे कागदी-पिक-अप-वियर-बांध बनाया गया है।
  • इससे माही सागवाड़ा और आनंदपुरी दो नहर निकाली गई।
तीसरा चरण
  • विद्युत गृह कार्य का विकास
  • Mahi Pratham Vidyut grah। माही प्रथम विद्युत गृह
  • माही द्वितीय विद्युत गृह
  • इनसे 140 मेगा वाट जल विद्युत का उत्पादन होता है जिसका उपयोग केवल  करता है।




राजस्थान की नदियाँ (अन्तः प्रवाह || आंतरिक प्रवाह तंत्र की नदियाँ)


  • Rajasthan ki aantrik pravah ki nadiya : अन्त : परवाह || आंतरिक प्रवाह तंत्र  वे नदिया जिनका जल समुन्द्र तक नहीं पहुँचता | मैदान या मरुस्थल क्षेत्र में ही विलुप्त हो जाती हैं | राजस्थान का 60 % से अधिक भाग अंत : प्रवाही क्षेत्र में आता है |

राजस्थान की अन्तः प्रवाह || आंतरिक प्रवाह तंत्र की नदियाँ Short Trick

Trick – काका सा में रुघरू गॉव गया था |  

  • का -  काकनेय /मसूरदी
  • का - कांतली नदी
  • सा - साबी नदी
  • में - मेन्था नदी
  • रु - रूपनगढ़ नदी 
  • घ - घाघर नदी
  • रू - रूपारेल नदी
  • गॉव गया था

घग्घर नदी    

  • उपनाम -  मृत नदी । नट । पाट नदी । सोतर नदी । हकरा ।नाली नदी  । सरस्वती । द्वषद्वती ।वाहिद । लेटी नदी 
  • वैदिक काल में इस नदी को सरस्वती या द्रषद्वती के नाम से भी जाना जाता था।
  • घग्घर नदी| Ghaghar Nadee|Nadi का उद्गम स्थल - हिमाचल प्रदेश / शिवालिक पर्वत  श्रोणि और कालका की पहाड़ी से निकलती है |                                                  
  • प्रवाह - हिमाचल प्रदेश ~~ पंजाब ~~ हरियाणा ~~ राजस्थान                                           
  • घग्घर नदी लंबाई -  465 km  ( सबसे  लम्बी अंत : परवाह नदी )         
घाघर नदी| Ghaghar Nadee|Nadi
घग्घर नदी MAP| Ghaghar Nadee|Nadi

                                 

  • राजस्थान में परवाह - यह नदी राजस्थान में हनुमनगढ़ की टिब्बी तहसील के तलवाड़ा  क्षेत्र से प्रवेश करती है | सामान्य रूप से इस नदी का जल हनुमानगढ़ के भटनेर क्षेत्र तक पहुँचता है | वर्षा त्रतु में गंगानगर के सूरतगढ़ तहसील और बाढ़ के समय इस नदी का जल अनूपगढ़ के बिंजौर नामक स्थान से होता हुआ पाकिस्तान में फोर्ट अब्बास तक पहुँचता है | पाकिस्तान में इसके प्रवाह को हकरा कहते है | जब इस नदी में बाढ़ आती है तब हनुमान जंक्शन जल मगन हो जाता है
  • जिलों के पुनर्गठन के पश्चात् घग्घर नदी का बहाव क्षेत्र 3 जिलों में है हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर व अनूपगढ़। पूर्व में यह नहीं श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिले में प्रवाहित होती थी।


कांतली नदी ( Kantali Nadi ) 

  • उद्गम --  खण्डेला की पहाड़ी  ( सीकर )  
  • मुहाना-- झुंझनू -चूरू की सीमा पर विलुप्त 
  • इस नदी का उद्गम सीकर की खंडेला पहाड़ी (रेवासा - गाँव, दांतारामगढ़ तहसील) से होता है। सीकर में बहने के पश्चात् नीम का थाना व झुंझुनू में बहती हुई मंड्रेला गांव (झुंझुनूं) में विलुप्त हो जाती है।

कांतली नदी|Kantali Nadi|Nadee
कांतली नदी MAP|Kantali Nadi MAP|Nadee

  • कांतली नदी को कांटली व मौसमी नदी के नाम से भी जाना जाता है।
  • इस नदी का बहाव क्षेत्र तोरावाटी कहलाता है।
  • नीम का थाना (सीकर) में इस नदी के किनारे गणेश्वर की सभ्यता स्थित है।


कांकनी नदी काकनेय नदी   

  • कांकनी का उद्गम स्थल -- कोटड़ी गांव जैसलमेर  
  • मुहाना -- भुज झील में गिर जाती है
  • इस नदी को काकनेय | मसूरदी नदी भी कहते है 

काकनी नदी राजस्थान | काकनेय /मसूरदी|Kakani/Kakaney | Nadi|Nadee
कांकनी | काकनेय नदी MAP


 

रूपनगढ़ नदी  ( Roopangarh  Nadi ) 

  • रूपनगढ़ नदी | Roopangarh | Nadi|Nadee का उद्गम स्थल -- सलेमाबाद किशनगढ़ ( अजमेर )  
  • मुहाना --साम्भर झील में गिर जाती है 
रूपनगढ़ नदी | Roopangarh | Nadi|Nadee
रूपनगढ़ नदी MAP



मेन्था नदी  ( Rajasthan ki Mentha Nadi  )

  • मेन्था नदी | Mentha | Nadi|Nadee का उद्गम स्थल -- मनोहरपुर ( जयपुर )  
  • मुहाना -- साम्भर झील ( सांभर झील में अपना जल गिराती है।)
  • मेंथा नदी को मेन्ढा / मेघना नदी के नाम से भी जाना जाता है।
मेन्था नदी | Mentha | Nadi|Nadee
मेन्था नदी MAP

  • जिलों के पुनर्गठन के पश्चात मेंथा नदी वर्तमान में जयपुर (ग्रामीण) व डीडवाना कुचामन से होते हुई सांभर झील में अपना जल गिराती है।

साबी |साहिबी नदी ( Sabi|Sahibi Nadi ) 

  • साबी नदी का उद्गम स्थल --सेवर की पहाड़ी  शाहपुरा (जयपुर )  
  • मुहाना --वर्तमान में हरियाणा में पटौदी के मैदान में विलुप्त  गांव की नजफगढ़ झील में जल गिराती है।

साबी /साहिबी नदी Sabi|Sahibi Nadi|Nadee
साबी |साहिबी नदी MAP  

  • जिलों के पुनर्गठन के पश्चात साबी नदी का बहाव क्षेत्र कोटपुतली- बहरोड़ व खैरथल तिजारा जिले में बहती हुई यह नदी हरियाणा के गुरुग्राम जिले के पटोदी गांव की नजफगढ़ झील में जल गिराती है
  • जयपुर का जोधपुरा सभ्यता स्थल इस नदी के किनारे पर स्थित है।  
  • जोधपुरा सभ्यता में हाथीदाँत अवशेष प्राप्त हुऐ है।                                                                                                

बाणगंगा |अर्जुन की गंगा नदी ( Banganga |Arjun ki ganga Nadi )

  • Banganga /Arjun ki ganga Nadee|Nadi का  उद्गम स्थल   -- बाणगंगा नदी बैराढ़ की पहाड़िया ( जयपुर )  से निकलती है |
  • राजस्थान की बाणगंगा नदी अर्जुन की गंगा कहलाती है |
  • बाणगंगा का इतिहास अर्जुन के तीर द्वारा  उत्पन होने के कारण इसे बाणगंगा /अर्जुन की गंगा नदी कहते है 
  • मुहाना -- वर्तमान में यह भरतपुर के  मैदानों में विलुप्त हो जाती है पहले यह नदी यमुना में मिलती थी |


बाणगंगा /अर्जुन की गंगा नदी Banganga /Arjun ki ganga Nadee|Nadi
बाणगंगा |अर्जुन की गंगा नदी MAP




रूपारेल नदी ( Rooparel Nadi )

  • रूपारेल नदी का उद्गम स्थल -- उदयनाथ की पहाड़ी  (अलवर )  इस नदी का उद्गम अलवर की थानागाजी तहसील में  स्थित उदयनाथ पहाड़ी से होता है।
  • मुहाना -- यह भरतपुर के कुशलपुर गांव के समीप मैदानों में विलुप्त जाती है |
  • रूपारेल को लसवारी, बारह, बराह नदी के नाम से भी जाना जाता है
  • जिलों के पुनर्गठन के पश्चात् रूपारेल नदी अलवर, डीग व भरतपुर जिलों में प्रवाहित होती है।
  • इस नदी पर डीग महल, नौह सभ्यता, मोती झील बांध, सीकरी बांध स्थित है।
  • मोती झील को भरतपुर की जीवनरेखा / लाईफलाईन के उपनाम से जाना जाता है।
  • निर्माण सुरजमल जाट (जाटों का प्लेटो) 

रूपारेल नदी | Rooparel|Nadi|Nadee
रूपारेल नदी MAP 




राजस्थान में नदियों के किनारे बसे प्रमुख नगर

  • चम्बल नदी-कोटा
  • काली सिंध नदी-झालावाड़ 
  • बेड़च नदी-चित्तौड़गढ़ 
  • बनास नदी-टोंक 
  • घग्घर नदी-हनुमानगढ़ 
  • खारी नदी-गुलाबपुरा 
  • सुकड़ी नदी-जालौर 
  • घग्घर नदी-अनुपगढ़ ,सूरतगढ़
  • बनास नदी-नाथद्वारा (राजसमंद) 
  • कोठारी नदी-भीलवाड़ा 
  • खारी नदी-विजयनगर 
  • लूनी नदी-बालोतरा (बाड़मेर) 
  • बांडी नदी-पाली 
  • जवाई नदी-सुमेरपुर (पाली) 
  • खारी नदी-आसींद (भीलवाड़ा) 
  • बनास नदी-सवाई माधोपुर 
 


Rajasthan ki nadiya quiz 


Q. rajasthan ki sabse badi nadi
Ans. सबसे लम्बी नदी बनास है। जिसकी लम्बाई 480 किमी. है


Q. main rivers of rajasthan
Ans. main rivers of rajasthan चम्बल नदी ( CHAMBAL RIVER/NADI )

Q. arab sagar me girne wali nadiya
Ans. सोम ,माही ,जाखम ,लूणी ,जवाई ,सुकडी ,पन्चिम बनास ,साबरमती

Q. bangal ki khadi me girne wali rajasthan ki nadiya
Ans. चम्बल ,बनास ,कालिसिधी ,पार्वती ,सिप ,कुराल ,मेज , खारी , डाई ,कोढारी ,बेडच ,गंभीरी

Q. राजस्थान में सर्वाधिक नदियां किस जिले में
Ans. राजस्थान में सर्वाधिक नदियों वाला जिला उदयपुर है। राजस्थान में बीकानेर तथा चूरू दो मात्र ऐसे जिले है जिनमें एक भी नदी नही बहती है।

Q. राजस्थान में सर्वाधिक नदियों वाला जिला
Ans. जिला उदयपुर

Q.घाघरा नदी लंबाई
Ans. घाघरा नदी लंबाई - 465 KM ( सबसे लम्बी अंत : परवाह नदी )

Q.बाणगंगा नदी कहां से निकलती है
Ans. बाणगंगा नदी बैराढ़ की पहाड़िया ( जयपुर ) से निकलती है

Q.लूनी की सहायक नदी
Ans. जोजड़ी ,बंडी ,जवाई ,सुकड़ी ,लीलड़ी ,मीढडी ,सांगी ,गुहिया

Q.बाणगंगा कहां है
Ans. बाणगंगा नदी बैराढ़ की पहाड़िया ( जयपुर ) से निकलती है |

Q.राजस्थान की कौनसी नदी अर्जुन की गंगा कहलाती है
Ans. राजस्थान की बाणगंगा नदी अर्जुन की गंगा कहलाती है

Q.घाघर नदी का उद्गम स्थल
Ans. हिमाचल प्रदेश / शिवालिक पर्वत श्रोणि और कालका की पहाड़ी से निकलती है |

Q.बाणगंगा का इतिहास
Ans. बाणगंगा नदी बैराढ़ की पहाड़िया ( जयपुर ) में अर्जुन द्वारा तीर चलने से उत्पन हूई |
अर्जुन की गंगा नदी BANGANGA /ARJUN KI GANGA NADEE|NADI -- BANGANGA /ARJUN KI GANGA NADEE|NADI का उद्गम स्थल -- बाणगंगा नदी बैराढ़ की पहाड़िया ( जयपुर ) से निकलती है | बाणगंगा का इतिहास राजस्थान की बाणगंगा नदी अर्जुन की गंगा कहलाती है

Q.राजस्थान में कितनी नदियां?
Ans.बंगाल की खाड़ी का प्रवाह -चम्बल ,बनास ,कालिसिधी ,पार्वती ,सिप ,कुराल ,मेज , खारी , डाई ,कोढारी ,बेडच ,गंभीरी
अरब सगरिये प्रवाह -सोम ,माही ,जाखम ,लूणी ,जवाई ,सुकडी ,पन्चिम बनास ,साबरमती
अंत: प्रवाह -घाघर ,कन्तली ,काकनी ,मेंथा ,सानी ,रुपनगड ,रुपारेल ,बाणगंगा

Q.राजस्थान में कौन कौन सी नदियां बहती है?
Ans. बंगाल की खाड़ी का प्रवाह -चम्बल ,बनास ,कालिसिधी ,पार्वती ,सिप ,कुराल ,मेज , खारी , डाई ,कोढारी,बेडच ,गंभीरी अरब सगरिये प्रवाह -सोम ,माही ,जाखम ,लूणी ,जवाई ,सुकडी ,पन्चिम बनास ,साबरमती
अंत: प्रवाह -घाघर ,कन्तली ,काकनी ,मेंथा ,सानी ,रुपनगड ,रुपारेल ,बाणगंगा

Q. राजस्थान की नदियां अंतर प्रवाहित है क्यों?
Ans. राजस्थान का 60 % से अधिक भाग अंत : प्रवाही क्षेत्र में आती है | राजस्थान में वर्षा के अस्थिरता के करना

Q. राजस्थान की सबसे बड़ी नदी कौनसी है?
Ans. सबसे लम्बी नदी बनास है। जिसकी लम्बाई 480 किमी. है

Q. बनास नदी कितने जिलों में बहती है?
Ans. राजसमंद ~~~ चितोड़गढ़ ~~~ भीलवाड़ा ~~~ अजमेर ~~~ टोंक ~~~ सवाई माधोपुर में चम्बल में मिल जाती है |

Q.बनास नदी की सहायक नदियाँ कौन कौन सी है?
Ans.  बेड़च ,कोड़ारी ,खारी , डाइ , मेनाल

इस post में हमने Rajasthan ki nadiya और राजस्थान की नदियां ट्रिक map pdf gk quiz in hindi के बारे में विस्तार से चर्चा की | कोई सुझाव हो तो कमेंट कीजिये | धन्यवाद 


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