चित्तौड़गढ़ दुर्ग का इतिहास - Chittorgarh kila / Chittor Fort History in Hindi

 

चित्तौड़गढ़ दुर्ग का इतिहास - Chittorgarh kila / Chittor Fort History Rajasthan ka Gk in Hindi

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जानिए चित्तौड़गढ़ दुर्ग किला का इतिहास-Chittorgarh kila History in Hindi



जानिए चित्तौड़गढ़ दुर्ग किला का इतिहास-Chittorgarh 
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चित्तौड़गढ़ दुर्ग का परिचय - Introduction to Chittorgarh kila / Chittor Fort - Chittorgarh durg ka parichey 

7- 8 वी शताब्दी में चित्तौड़गढ़ का किला चित्रांगद मौर्य  बनवाया था का निर्माण चित्रांगद मौर्य के द्वारा करवाया गया जो मोरी वंश का शासक था|
यह मैसा के पठार पर स्थित है |
क्षेत्रफल की दृष्टि से यह राजस्थान का सबसे बड़ा किला है | इसका क्षेत्रफल 13 km है |
यह सैन्य दुर्ग का सर्वश्रेष्ट उदारण है |
इसके बारे में कहा जाता है कि " गढ़ तो बस चितोड़गढ़ बाकी सब गठेय्या "
इस किले में राणा कुम्भा का महल , रानी पद्मिनी का महल , गोरा बादल का महल व बनवीर का महल स्थित   है |

चित्तौड़गढ़ दुर्ग का इतिहास - Chittorgarh kila / Chittor Fort History in Hindi - Chittorgarh durg ka itihas

Chittorgarh Kila History in Hindi
चित्तौड़गढ़ दुर्ग को  राजस्थान का गौरव कहा जाता है। वर्तमान काली माता का मंदिर मूल रूप से प्राचीन कालीन सूर्य मंदिर है  इस दुर्ग का अधिकांश भाग का निर्माण महाराणा कुंभा द्वारा करवाया गया। चित्तौड़ में विजय स्तम्भ, कीर्ति स्तम्भ, मीरा मंदिर पद्मिनी महल, शस्त्रागार प्रमुख है।


चित्तौड़ दुर्ग में कुल सात द्वार हैं, जिसमें सबसे अच्छा द्वार महाराणा प्रताप की स्मृति बनवाया गया।

इस दुर्ग में अब में तक सर्वाधिक जौहर हुए हैं। 1303 में पहला जौहर हुआ। 1534 ई. में दूसरा जौहर हुआ, इस समय शासक विक्रमादित्य था, इसकी माँ कर्मावती थी। गुजरात के शासक बहादुर शाह ने इन पर आक्रमण किया था। 1568 ई. में तीसरा जौहर हुआ। जयमल व पत्ता लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए तथा रानियों ने जौहर किया।

राजस्थान का यह प्रथम लीविंग फोर्ट है।

अरावली पर्वतमाला पर यह दुर्ग बना हुआ है।

खिलजी ने दुर्ग का नाम ख्रिजाबाद रखा था।

गोरा-बादल, नवलखा बुर्ज, भीमलत कुंड इस दुर्ग में स्थित है।


चित्तौड़गढ़ दुर्ग के बारे में अन्य महत्वपूर्ण तथ्य - Other important facts about Chittorgarh kila / Chittor fort - chittorgarh durg ke baare mein any mahatvapoorn tathy-Chittorgarh kila / Chittor Fort Haunted

    Chittorgarh किले में जौहर कुण्ड स्थित है | जहाँ रानी पदमिनी ने जौहर किया था |

    यह राजस्थान का सबसे प्रसिध्द जौहर था यहां पर जौहर मेला लगता है |

    Chittorgarh राजस्थान का एक मात्र दुर्ग है जिसमे खेती कि जाती थी |
    इस किले में एक जल संयंत्र अरहट स्थित है |
    इस किले में पदमनी तलाब व चित्रांगद मौर्य तलाब स्थित है |
    इस किले में विजय स्तम्भ ( कीर्ति स्तम्भ ) व कीर्ति जैन स्तम्भ स्थित है |
    इस किले में कुम्भ श्यामजी का मंदिर , मीराबाई मंदिर , काली माता का मंदिर ,श्रृंगार चवरी का मंदिर , तुलजा भवानी का मंदिर , समिध्देश्वर महादेव मंदिर स्थित है |
    Chittorgarh किले  में  मीराबाई  के गुरु रैदास की छत्ररी स्थित है | cm वसुंधरा राजे ने यहां पर " रैदास का पेनोरमा " बनाने की घोषणा की |
    इस किले में भैरवपोल पर कल्ला राठौड़ की छत्ररी स्थित है |
    इस किले में मीरा महोत्सव का आयोजन किया जाता है |
    इस किले में हरामखोर बावड़ी स्थित है |
    चित्तौड़गढ़ दुर्ग का इतिहास - Chittorgarh kila History in Hindi
    चित्तौड़गढ़ दुर्ग का इतिहास - Chittorgarh Kila History in Hindi


    विजय स्तम्भ|कीर्ति स्तम्भ | Victory_tower | Vijay stambh


    Chittorgarh Kila History in Hindi

    विजय स्तम्भ चित्तौड़ के किले का एक प्रमुख आकर्षण है। 

    मालवा के सुल्तान मुहम्मद खिलजी पर विजया के उपलक्ष्य में महाराणा कुम्भा ने अपने उपास्य देव विष्णु के निमित्त इस स्मारक का निर्माण करवाया था।


    विद्वानों ने कीर्ति स्तम्भःको 'लोकजीवन का रंगमंच' कहा है।

    यह 122 ऊँचा 9 मंजिला भवन है जिसमें 157 सीढ़ियाँ है।


    इसमें 36  करोड़ मूर्तियां हैं जिसमें भगवान विष्णु की सर्वाधिक है अतः इस विष्णु स्तंभ भी कहते हैं।

    इसे भारतीय मूर्ति कलाकार शब्दकोश हुए हिंदू देवी देवताओं का अजायबघर म्यूजियम भी कहते हैं

    इसे राजस्थान का गौरव राजस्थान का भीष्म व कीर्ति स्तंभ भी कहते हैं


    यह राजस्थान पुलिस व माध्यमिक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का प्रतीक चिन्ह भी है


    15 अगस्त 1949 को ₹1 का डाक टिकट जारी किया गया है राजस्थान का पहला डाक टिकट भी था।



    विजय स्तम्भ|कीर्ति स्तम्भ | Victory_tower | Vijay stambh
    विजय स्तम्भ|कीर्ति स्तम्भ | Victory_tower | Vijay stambh



    जैन कीर्ति स्तम्भ | Jan kirti stambh


    Chittorgarh Kila History in Hindi

    चित्तौड़गढ़ दुर्ग में जन कीर्ति स्तम्भ है |

    यह 75 फुट ऊंचा और 7 मंजिला है।


    इसका निर्माण 12 वीं शताब्दी में दिगंबर संप्रदाय के बघेरवाल महाजन सनाय के पुत्र जोना / जीजा के द्वारा करवाया गया था|


    यह जैन तीर्थंकर आदिनाथ को समर्पित है|

    जैन कीर्ति स्तम्भ | Jain kirti stambh
    जैन कीर्ति स्तम्भ | Jain kirti stambh



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