राजस्थान की प्रमुख छतरियां | rajasthan ki prmukh chhatriya ( chatriya ) in Hindi

राजस्थान की प्रमुख छतरियां। 
Rajasthan ki chhatriya - chatriya
Notes। Trick । PDF

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राजस्थान प्रमुख की छतरियाँ । Rajasthan ki prmukh chhatriya :

आपका स्वागत है राजस्थान की प्रमुख छतरियों के ब्लॉग पोस्ट में! इस पोस्ट में, हम आपको प्रमुख छतरियों के बारे में महत्वपूर्ण नोट्स, । Trick । PDF सहित प्रदान करने जा रहे हैं. हमने सुनिश्चित किया है कि आपकी Rajasthan ki chhatriya Notes समीक्षा करें, राजस्थान में अनेक ऐतिहासिक छतरियां है जो इस प्रकार है


06 खम्भों की छतरी-06 pillars/Kmbho ki canopies/Chhatri- Banjaron ki Chhatri Lalsot Dausa

लालसोर ( दोसा )
इसे बन्जारे की छ्त्र्री भी कहते है | 
  
Banjaron/06-pillars/Kmbho-ki-Chhatri-Lalsot-Dausa
Banjaron/06-pillars/Kmbho-ki-Chhatri-Lalsot-Dausa


08 खम्भों की छतरी-Maharana-pratap/08-pillars/Kmbho-ki-Chhatri/Canopies

यह छतरी बांडोली (उदयपुर) में स्थित है। यह वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की छतरी है।

बांडोली ( उदयपुर ) इसे महाराणा प्रताप की छ्त्र्री भी कहते है | 

महाराणा प्रताप की छतरी ( 8 खंभो की )- यह छतरी बाडोली ( उदयपुर ) में स्थित है।


Maharana-pratap/08-pillars/Kmbho-ki-Chhatri
Maharana-pratap/08-pillars/Khmbho-ki-Chhatri 

 

12 खम्भों की छ्त्र्री (12  pillars/Khmbho ki canopies/Chhatri ) 

 कुम्भलगढ़ दुर्ग ( राजसमन्द ) इसे कुवर पुथ्वीराज की छ्त्र्री भी कहते है |
  

32 खम्भो की छातरी (32 khambon ki chhatri)

यह छतरी राजस्थान में दो स्थानों पर 32-32 खम्भों की छतरियां है।

रणथम्भोर दुर्ग (सवाई माधोपुर ) में 32 khambon ki chhatri


रणथम्भौर (सवाई माधोपुर) में स्थित 32 खम्भों की छतरी हम्मीर देव चैहान की छतरी है।
32 khambon ki chhatri, रणथम्भोर दुर्ग (सवाई माधोपुर)
 32 khambon ki chhatri रणथम्भोर दुर्ग (सवाई माधोपुर) 

माण्डलगढ़ ( भीलवाड़ा ) में 32 khambon ki chhatri


मांडल गढ (भीलवाड़ा) में स्थित 32 खम्भों की छतरी का संबंध जगन्नाथ कच्छवाहा से है।
32 khambon ki chhatri, माण्डलगढ़ । mandalgarh(भीलवाड़ा)
32 खम्भो की Chhatri माण्डलगढ़/mandalgarh(भीलवाड़ा) 

80 खम्भों की छतरी ( 80 khambon - khambo ki chhatri ) । मुसी महारानी छत्ररी

मूसी महारानी की छतरी – यह छतरी अलवर में स्थित है।
80 खम्भों की छतरी । 80 khambon - khambo ki chhatri, मुसी महारानी छत्ररी भी कहते है | इसका निर्माण महाराजा विनेयसिंह ने करवाया | 
  
80 खम्भों की छतरी। 80 khambon - khambo ki chhatri
80 खम्भों की छतरी। 80 khambon - khambo ki chhatri

84 खम्भों की छतरी (84  pillars/Khmbho ki canopies/Chhatri )

 बूंदी इसका निर्माण राव राजा अनिरुध्द के भाई देवा के द्वारा करवाया गया था 
84 खम्भों की छतरी (84  pillars/Kmbho ki canopies/Chhatri )
 84 खम्भों की छतरी (84  pillars/Kmbho ki canopies/Chhatri )

जसवंत थड़ा-Jaswant Thada( जोधपुर )

इसे राजस्थान का ताजमहल कहते है | 
यह छतरी जोधपुर में स्थित है। यहां पर सरदार सिंह द्वारा निर्मित है।

जसवंत थड़ा-Jaswant Thada( जोधपुर )
जसवंत थड़ा-Jaswant Thada( जोधपुर )

  

बड़ा बाग की छतरियां-bada-baag/Big/Large garden ki canopies/Chhatri

 जैसलमेर 
भाटी राजाओं की छतरियाँ -यह छतरी  बड़ा बाग , जैसलमेर में स्थित है।
बड़ा बाग की छतरियां-bada-baag/Big/Large garden ki canopies/Chhatri
 बड़ा बाग की छतरियां-bada-baag/Big/Large garden ki canopies/Chhatri

 क्षारबाग की छतरियां-kshaarabaag ki canopies/Chhatri

 कोटा 
यह छतरी कोटा में स्थित है। यहां पर हाड़ा शासकों की छतरियां स्थित है।

क्षारबाग की छतरियां-kshaarabaag ki canopies/Chhatri
क्षारबाग की छतरियां-kshaarabaag ki canopies/Chhatri


नेड़ा की छत्ररीया 

सरिस्का अभ्यारण ( अलवर )

  

गैटोर की छतरियां-Gator ki canopies/Chhatri

जयपुर
कच्छवाहा राजाओं की छतरियाँ -यह छतरी गेटोर ( नाहरगढ़ , जयपुर ) में स्थित है 
यह छतरी नाहरगढ़ (जयपुर) में स्थित है। ये कछवाहा शासको की छतरियां है। यहां पर जयसिंह द्वितीय से मानसिंह द्वितीय की छतरियां है।
गैटोर की छतरियां-Gator ki canopies/Chhatri
गैटोर की छतरियां-Gator ki canopies/Chhatri


 देवकुण्ड की छतरियां ( Devkund ki canopies/Chhatri )

 बीकानेर 
 

मण्डोर की छत्ररीया

जोधपुर 
राठौड़ राजाओं की छतरियाँ – यह छतरी मंडोर जोधपुर में स्थित है।

बदनौर की छत्ररीया

 भीलवाड़ा 
 

गोपालसिंह की छत्ररी

करौली 
 

बोहरा भगत की छत्ररी 

केलादेवी मंदिर ( करौली ) 
 

मामा - भंजा की छत्ररी 

मेहरानगढ़ दुर्ग ( जोधपुर ) इसे धन्ना एवं मिया की छत्ररी भी कहते है | 

कागा की छत्ररी

 जोधपुर 
 

लुई पिजो तेस्सितोरी की छत्ररी 

 बीकानेर 
 

अमरसिंह राठौड़ की छत्ररी 

नागौर 
  

आंतेड़ की छत्ररीया  

अजमेर 

आहड़ की छतरियां

यह छतरी उदयपुर में स्थित हैं

इन्हे महासतियां भी कहते है।

राजस्थान की अन्य ऐतिहासिक छतरियाँ

1. अमरसिंह की छतरी यह छतरी नागौर में स्थित है।

2. सिसोदिया राणाओं की छतरियाँ यह छतरी आहड़ , उदयपुर में स्थित है।

3. राव बीका जी रायसिंह की छतरियाँ -यह छतरी  देव कुंड बीकानेर में स्थित है।

4. हाड़ा राजाओं की छतरियाँ – सारबाग , यह छतरी कोटा में स्थित है।

5. रैदास की छतरी – यह छतरी चित्तौड़गढ़ में स्थित है।

6. केसर बाग व क्षार बाग की छतरियाँ -यह छतरी  बूँदी ( बूँदी राजवंश की ) में स्थित है।

7 . राव जोधसिंह की छतरी -यह छतरी  बदनौर में स्थित है।

8 . जयमल ( जैमल ) व कल्ला राठौड़ की छतरियाँ -यह छतरी चित्तौड़गढ में स्थित है।

9 . गोराधाय की छतरी

यह छतरी जोधपुर में स्थित हैं। अजीत सिंह की धाय मां की छतरी है।

10 . टंहला की छतरीयां

यह छतरी अलवर में स्थित हैं।

11 .  रैदास की छतरी

यह छतरी चित्तौड़गढ में स्थित है।

12 . गोपाल सिंह यादव की छतरी

यह छतरी करौली में स्थित है।

13 .  छात्र विलास की छतरी

यह  कोटा में स्थित है।

14 . राजा जोधसिंह की छतरी

यह छतरी  बदनौर (भीलवाडा) में स्थित है।

15 . मानसिंह प्रथम की छतरी

यह छतरी आमेर (जयपुर) में स्थित है।

16 . देवकुण्ड की छतरियां

यह छतरी  रिड़मलसर (बीकानेर) में स्थित है। यहां पर राव बीकाजी व रायसिंह की छतरियां प्रसिद्ध है।


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